लेखनी प्रतियोगिता - नारी उत्पीड़न -25-Jan-2022
नारी से जन्म लेकर समाज नारी को दबा रहा है
हर क्षण हर क्षेत्र में नारी को तुच्छ बता रहा है
बेटा होने की जिज्ञासा, बेटी को क्यों नहीं अपनाया ?
जब ईश्वर ने ना भेद किया, फिर भेद भाव कहाँ से आया ?
क्यों बेटो से उम्मीदें इतनी ? क्यों बेटी पर विश्वास नहीं
क्या बेटी घर का वंश नहीं ? क्या बेटी औलाद नहीं ?
सम्मान नहीं सत्कार नहीं, उसे शिक्षा का अधिकार नहीं
क्यों अधिकारों का हनन उसके, क्या उसके अंदर प्राण नहीं ?
अपने ही घर में बचपन से अतिथि सा व्यवहार मिला
ससुराल गई तब भी उसको पराये घर सा प्यार मिला
जिस माँ से सबने जन्म लिया वो भी तो एक नारी है ?
फिर नारी की महत्ता क्यों समझ नहीं आती है ?
नारी बिन जीवन का अस्तित्व नहीं, नारी से विवाह रचा रहा है
फिर क्यों समाज नारी का उत्पीड़न किये जा रहा है ?
नारी से जन्म लेकर समाज नारी को दबा रहा है
हर क्षण हर क्षेत्र में नारी को तुच्छ बता रहा है
Swati chourasia
26-Jan-2022 07:43 AM
वाह बहुत ही खूबसूरत रचना 👌👌🙏🙏
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Sandeep Kumar Mehrotra
26-Jan-2022 06:00 AM
बहुत खूब
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Seema Priyadarshini sahay
26-Jan-2022 12:39 AM
बहुत सुंदर लिखा आपने
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